Arvind shekhar

-सरकारी भर्ती का आलम यह कि 2017 से 2021 तक जो 70257 पद खाली थे वे 9729 और बढ गए

-एक अप्रैल 2021 तक 82486 पद खाली थे‚ जबकि एक अप्रैल 2020 तक 73992 पद खाली थे

उत्तराखंड शहरी युवाओं की बेरोजगारी के मामले में देश में छठे नंबर पर है। प्रदेश में 839697 युवा सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकृत हैं। सरकार चाहे जो दावे करे मगर बीते चार साल के आंकड़े बता रहे हैं कि सरकारें रोजगार देने के प्रति कितनी गंभीर रही है।
बीते चार सालों में सरकारी खाली पद घटने की बजाय 9729 और बढ गए हैं। यानी बीते सालों में सरकारी विभागों‚ सहायतित संस्थाओं और सार्वजनिक उपक्रमों का आलम यह है कि पद खाली होते जा रहे लेकिन भरे नहीं जा रहे। जी हां‚ बीते कुछ साल के बजट दस्तावेज यही कह रहे हैं। 14 जून को विधानसभा में पेश बजट दस्तावेजों के मुताबिक प्रदेश में सरकारी विभागों‚ सहायतित संस्थाओं और सार्वजनिक उपक्रमों में एक अप्रैल 2021 तक 82486 पद खाली थे। एक अप्रैल 2017 तक 70257 पद ही खाली रह गए थे। एक अप्रैल 2017 में सरकारी विभागों में पद 59699 खाली थे ही‚ सहायतित संस्थाओं में 8798 पद तो सार्वजनिक उपक्रमों में 14019 पद खाली थे। एक अप्रैल 2020 की बात करें तो प्रदेश के सरकारी विभागों‚ सहायतित संस्थाओं और सार्वजनिक उपक्रमों में कुल 73992 पद खाली थे। एक अप्रैल 2020 को प्रदेश के राजकीय विभागों में कुल स्वीकृत पद 246675 पद थे। इनमें 200279 स्थायी व 46396 अस्थायी पद थे। इनमें 189731 भरे हुए थे जबकि 56944 पद खाली थे। एक अप्रैल 2020 तक सहायतित संस्थाओं में कुल मंजूर पद 21945 थे। इनमें 20005 स्थायी व 1940 अस्थायी थे। कुल 13400 पद भरे थे जबकि 8545 खाली थे। एक अप्रैल 2020 तक सार्वजनिक उपक्रमों में कुल मंजूर पद 31863 थे। इनमें 27652 स्थायी व 4211 अस्थायी थे। कुल 23360 पद भरे थे जबकि 8503 खाली थे। एक अप्रैल 2016 को प्रदेश के राजकीय विभागों में कुल स्वीकृत पद 261580 पद थे। इनमें 173457 स्थायी व 88123 अस्थायी पद थे। इनमें 192491 भरे हुए थे जबकि 69089 पद खाली थे। एक अप्रैल 2016 तक सहायतित संस्थाओं में कुल मंजूर पद 21349 थे। इनमें 6354 स्थायी व 14994 अस्थायी थे। कुल 14781 पद भरे थे जबकि 6568 खाली थे। एक अप्रैल 2016 तक सार्वजनिक उपक्रमों में कुल मंजूर पद 30282 थे। इनमें 26520 स्थायी व 3762 अस्थायी थे। कुल 24263 पद भरे थे जबकि 6019 खाली थे। एक अप्रैल 2017 को प्रदेश के राजकीय विभागों में कुल 263138 पद स्वीत थे। इनमें 200214 स्थायी व 62924 अस्थायी पद थे। इनमें 206550 भरे हुए थे जबकि 56588 पद खाली थे। एक अप्रैल 2017 तक सहायतित संस्थाओं में कुल मंजूर पद 23068 थे। इनमें 8525 स्थायी व 14543 अस्थायी थे। कुल 16169 पद भरे थे जबकि 6899 खाली थे। एक अप्रैल 2017 तक सार्वजनिक उपक्रमों में कुल मंजूर पद 30565 थे। इनमें 26992 स्थायी व 3573 अस्थायी थे। कुल 23795 पद भरे थे जबकि 6770 खाली थे।

वर्ष 2016 से 2017 के बीच हुईं 11419 भर्तियां
देहरादून। प्रदेश में 2016 से 2017 के बीच ही भारी यानी 11419 भर्तियां हुई। 2016–17 हरीश रावत की कांग्रेस सरकार का अंतिम साल था। इसके बाद तो भर्तियों के दावे महज मुंहजुबानी खर्च ही लगता है। बजट दस्तावेजों के मुताबिक एक अप्रैल 2016 को राजकीय विभागों‚ सरकारी इमदाद के चलने वाली संस्थाओं और राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों में 81676 पद खाली थे। एक अप्रैल 2017 तक 70257 पद ही खाली रह गए थे। लेकिन इसके बाद खाली पद बढ़ते गए। अब देखना यह है कि 2021-22 में भाजपा सरकार ने कितनी भर्तियां कीं क्योंकि यह आंकड़ा 2023-24 के बजट दस्तावेजों में ही खुल सकेगा।

प्रदेश सरकार की सहायतित संस्थाओं और
सार्वजनिक उपक्रमों में 22817 पद खाली
-सहायतित संस्थाओं में कुल 21943 मंजूर पद, जबकि 8798 पद खाली
-सार्वजनिक उपक्रमों में स्वीकृत पद 29794 है जबिक 14019 पद खाली

देहरादून। प्रदेश सरकार की सहायतित संस्थाओं और सार्वजनिक उपक्रमों में भी 22817 पद खाली पड़े हुए हैं। इस तरह देखा जाए तो प्रदेश में कुल 82486 नौकरियां सरकार के पास यूं ही पड़ी हुई हैं।
हाल में विधानसभा में पेश वर्ष 2022-23 के बजट दस्तावेजों से यह बात सामने आई है। एक अप्रैल 2021 की स्थिति के मुताबिक प्रदेश सरकार की सहायतित संस्थाओं में कुल 21943 पद मंजूर हैं। इनमें 18703 स्थायी व 3240 अस्थायी पद हैं। इनमें 13145 भरे हुए हैं जबकि 8798 पद खाली हैं।
सहायतित संस्थाओं में कुल 3183 राजपत्रित पद मंजूर हैं। इनमें 1676 स्थायी व 1507 अस्थायी हैं। कुल 1917 पद भरे हैं जबकि 1266 खाली हैं। इनमें क श्रेणी के कुल 1,472 राजपत्रित पद मंजूर हैं। इनमें 616 स्थायी, 856 अस्थायी पद हैं। इनमें 797 भरे हुए हैं जबकि 675 खाली पड़े हैं। ख श्रेणी के कुल 1,711राजपत्रित पद मंजूर हैं। इनमें 1,060 स्थायी, 651 अस्थायी पद हैं। इनमें 1,120 पद भरे हुए हैं जबकि 591 खाली पड़े हैं।
सहायतित संस्थाओं में कुल 18760 अराजपत्रित पद मंजूर हैं। इनमें 17027 स्थायी व 1733 अस्थायी हैं। कुल 11228 पद भरे हैं जबकि 7532 पद खाली हैं।
सहायतित संस्थाओं में ग श्रेणी के कुल 13,457 पद मंजूर हैं। इनमें 12,390 स्थायी व 1,067 अस्थायी हैं। कुल 8,307 पद भरे हैं जबकि 5,150 खाली हैं।
सहायतित संस्थाओं में घ श्रेणी के कुल 5,303 पद मंजूर हैं। इनमें 4,637 स्थायी व 666 अस्थायी हैं। कुल 2,921 पद भरे हैं जबकि 2,382 पद खाली हैं।
राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों की बात करें तो वहां 14019 पद खाली हैं। जबकि कुल मंजूर पद 29794 हैं। जिनमें 28131 पद स्थायी व 1663 अस्थायी प्रकृति के हैं। जिनमें से 15775 भरे हुए हैं। इन उपक्रमों में कुल राजपत्रित 2949 पद मंजूर हैं। इनमें 2709स्थायी व 240 अस्थायी हैं। कुल 1958पद भरे हैं जबकि 991 पद खाली हैं। श्रेणी क के राजपत्रित पदों की बात करें तो श्रेणी क के कुल 1,232 पद मंजूर हैं। इनमें 1,150 स्थायी व 82 अस्थायी हैं। कुल 815पद भरे हैं जबकि 417 पद खाली हैं। श्रेणी ख के कुल 1,717 पद मंजूर हैं। इनमें 1,559 स्थायी व 1581 अस्थायी हैं। कुल 143 पद भरे हैं,जबकि 574 पद खाली हैं।
सार्वजनिक उपक्रमों में कुल 26845 अराजपत्रित पद हैं। इनमें 25422 स्थायी व 1423 अस्थायी हैं। कुल 13817 पद भरे हैं जबकि 13028 पद खाली हैं।
अराजपत्रित पदों की ग श्रेणी में कुल 19,791 मंजूर पद हैं। इनमें 18,960 स्थायी व 831 अस्थायी हैं। कुल 10,618 पद भरे हैं जबकि 9,173 पद खाली हैं। घ श्रेणी की बात करें तो कुल 7,054 मंजूर पद हैं। इनमें 6,462 स्थायी व 592 अस्थायी हैं। कुल 3,199 पद भरे हैं जबकि 3,855 पद खाली हैं।

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