‘श्रीबदरीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति’ चाहे तो ‘श्रीवैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड’ से सीख ले सकती है। ये सीख किस तरह की है इसको बताने के लिए मैं यहां एक घटना का जिक्र कर रहा हूं –
पिछले कुछ दिनों से जम्मू कश्मीर के कटरा शहर में हूं। अकस्मात यहां आना पड़ा। हमारे चाचाजी रिटायर्ड कैप्टन श्री सुरेन्द्र सिंह फरस्वाण जी सपरिवार वैष्णव देवी की यात्रा पर आए थे। पैदल यात्रा मार्ग पर उनको हाई बीपी (ब्रेन हेमरेज) की वजह से चक्कर आ गया। इस दौरान सीढ़ी का कोना पेट पर लगने से उनकी आंतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। गंभीर स्थिति में उन्हें कटरा स्थित ‘श्रीवैष्णो देवी नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल’ लाया गया जहां इमरजेंसी में उनके सिर और पेट के दो ऑपरेशन हुए। इस वक्त भी वे कोमा की स्थिति में वेंटिलेटर पर हैं। रिलीफ की बात ये है कि अस्पताल चाचाजी का उपचार पूरी संजीदगी से मुफ्त में कर रहा है। वो इसलिए क्योंकि ये अस्पताल ‘श्राइन बोर्ड’ और ‘नारायण हृदयालय प्राइवेट लिमिटेड’ का संयुक्त उपक्रम है। नामी विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम यहां उन मरीजों (रजिस्टर्ड यात्रियों) का मुफ्त उपचार करती है जिन्हें पैदल यात्रा मार्ग पर कोई परेशानी हो जाती है। अगर यात्रियों के लिए इस अस्पताल में ये मुफ्त सुविधा न होती तो चाचाजी के उपचार का बिल अभी तक 15 लाख के करीब हो चुका होता। बाहरी प्रदेश में दुर्घटना होने पर किसी भी मरीज के लिए ये बहुत बड़ी राहत है।
यहां विचार करने योग्य बात यह है कि बड़ी प्राइवेट कंपनियों के साथ हमारी श्रीबदरीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति ऐसे संयुक्त उपक्रम क्यों नहीं स्थापित कर सकती। वो भी तब जबकि चारधाम यात्रा मार्ग खासकर केदारनाथ मार्ग पर बड़ी संख्या में यात्री अपनी जान गवां देते हैं। और तो और नारायणा हॉस्पिटल स्थानीय मरीजों को मुफ्त OPD सुविधा भी मुहैया करवा रहा है। काश! हमारे उत्तराखण्ड में भी ऐसी नायाब पहल होती। पहाड़ में बसे हमारे लोगों को भी सुलभ, सस्ती और अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिलती।
ये बात मैं इसीलिए भी कह रहा हूं क्योंकि श्राइन बोर्ड ने नारायणा अस्पताल की स्थापना के लिए अपनी भूमि दी है। श्रीबदरीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति के पास भी जगह–जगह सैकड़ों बीघा बेशकीमती भूमि है, जिनमें से अधिकांश पर लोगों के अवैध कब्जे हैं या कब्जे हो रहे हैं। क्यों न समिति की इन जमीनों का उपयोग राज्य की चिकित्सा सेवा में सुधार के लिए किया जाए।
हमारे चाचाजी के लिए भी प्रार्थना करिएगा 🙏
Deepak farswan senior journlist