देहरादून: केरल में मंकी पॉक्स का मरीज मिलने के बाद राज्यों में भी इसे लेकर चिंता बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट रहने को कहा है। शुक्रवार को सीएमओ नैनीताल डॉ. भागीरथी जोशी ने बताया कि राज्य सरकार ने पूर्व में मंकी पॉक्स को लेकर एडवाइजरी जारी की है।

इसके तहत किसी को बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते निकलते हैं तो वह तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले। उन्होंने कहा कि मंकी पॉक्स की समस्या होने पर 21 दिन का आइसोलेशन अनिवार्य है। जानकारों का कहना है कि मंकी पॉक्स का वायरस काफी खतरनाक है। यह चार स्टेज में फैलता है और हर स्टेज पर अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं।

स्टेज

1 पहली स्टेज पर कोई व्यक्ति अगर संक्रमित होता है तो वह लक्षण महसूस करना शुरू कर देता है। यह लक्षण अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़े होते हैं और काफी हद तक बुखार जैसे लगते हैं। पहली स्टेज के लक्षणों में आपको बुखार, शरीर में दर्द और थकान महसूस हो सकती है।

2 मंकी पॉक्स की दूसरी स्टेज में बुखार जैसे लक्षण तो रहते ही हैं, साथ ही स्किन पर थोड़ी संख्या में कुछ गांठ दिखनी शुरू हो जाती हैं।

3 मंकी पॉक्स की तीसरी स्टेज पर लिम्फैडेनोपैथी हाथों, पैरों, चेहरे, मुंह या प्राइवेट पाट्र्स पर होने वाले दानों या चकत्ते में बदल सकती है।

4 मंकी पॉक्स की चौथी यानी आखिरी स्टेज पर ये दाने या चकत्ते उभर कर बडे़ दाने हो जाते हैं या कुछ ऐसे पस्ट्यूल में बदल जाते हैं जिनमें मवाद भरी होती है।

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