देहरादून: मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए यलो अलर्ट जारी करते हुए सात जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा का अंदेशा जताया है। पर्वतीय जिलों में आपदा के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

मौसम विभाग के निदेशक के मुताबिक अगले 24 घंटे के भीतर देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, चंपावत में कहीं कहीं भारी वर्षा  हो सकती है।

बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ में खचड़ानाला के उफान पर आने से बंद है। अलग-अलग पड़ावों पर करीब 700 यात्रियों को रोका गया है। वहीं दो दिन से हो रही भारी वर्षा से दून शहर की सूरत बिगड़ गई है। जगह-जगह वर्षा का पानी और कीचड़ जमा है।

जबकि, सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। इसके अलावा शहर में कई क्षेत्रों में पेड़ गिरने की भी सूचना है। रायुपर में जर्जर पोल बरसाती नाले के बहाव में उखड़ गया। नदियों के किनारे भी पुस्तों पर दरारें आ गई हैं। उधर, कैंपटी फाल में भारी उफान आने के कारण पर्यटकों को रोक दिया गया।

उत्तराखंड में मानसून  ने अब गति पकड़ ली है। जुलाई के अंतिम दिनों में प्रदेश के हर हिस्से में झमाझम वर्षा हुई। इसी का परिणाम है कि पहले पखवाड़े में बादलों के बेहद कम बरसने के बाद भी जुलाई समाप्त होते-होते वर्षा का कुल आंकड़ा सामान्य पर पहुंच गया।

403 मिमी वर्षा (Rains) होती है, जबकि इस वर्ष यहां बदरा 390 मिमी बरसे हैं। हालांकि, पिछले वर्ष से तुलना करें तो इस जुलाई में मेघ 40 प्रतिशत कम बरसे हैं।

वहीं, बीत चुके मानसून सीजन में हुई वर्षा सामान्य से 11 प्रतिशत कम रही है। जुलाई में बागेश्वर में सर्वाधिक तो चम्पावत में सबसे कम वर्षा रिकार्ड की गई। बागेश्वर में मेघ सामान्य से तीन गुना बरसे, जबकि चम्पावत में 60 प्रतिशत कम वर्षा हुई। उत्तरकाशी,

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगस्त में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने का अनुमान है। इस वर्ष उत्तराखंड में मानसून ने एक सप्ताह की देरी से 29 जून को दस्तक दी थी।

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