पिथौरागढ़ : सीमांत आने वाले पर्यटक, पर्वतारोही व ट्रैकिंग दलों को अब अपने साथ ले जाने वाले जैविक व अजैविक वस्तुओं की सूची की घोषणा करनी होगी। उनसे जमानत राशि भी ली जाएगी। इसके लिए चोटियों के समीप वन विभाग चेकपोस्ट स्थापित करेगा। वापसी में रेंजर के अजैविक कूड़े की प्राप्ति और निस्तारण का प्रमाण पत्र देने पर ही जमानत राशि लौटाई जाएगी। पर्यटन स्थलों पर बढ़ रही गंदगी को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने यह पहल की है।

पिथौरागढ़ जनपद में आदि कैलास, ओम पर्वत, हरदेवल, नंदा देवी, पंचाचूली, त्रिशूल, सुजतिल्ला, मिलम, रालम, नामिक जैसी चोटियां और ग्लेशियर हैं। यहां प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक, ट्रैकर्स और पर्वतारोही दल आते हैं। वे अपने साथ अजैविक कूड़ा लाकर इन स्थानों पर गंदगी बढ़ा रहे हैं। इससे पर्यावरणीय संकट पैदा हो रहा है। इस वर्ष आदि कैलास तक बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे और कूड़ा भी बढ़ा। इसे रोकने के लिए अब प्रशासन और वन विभाग ने सख्त नियम बनाए हैं।

इस नियम के तहत पर्वतारोहण, पर्यटन और ट्रैकिंग पर जाने वाले दलों को अपने साथ ले जाने वाले जैविक और अजैविक वस्तुओं की सूची अभियान के दौरान पड़ने वाले चेकपोस्ट पर घोषित करनी होगी। इतना ही नहीं, विदेशी नागरिकों से 10 हजार और स्वदेशी से पांच हजार की जमानत राशि संबंधित वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय के चेकपोस्ट पर जमा करनी होगी। इसके बाद ही दल को आगे बढ़ने की अनुमति मिलेगी।

वापसी में संबंधित फार्म में समस्त अजैविक कचरा एकत्रित करने व जैविक कचरा नियमानुसार निस्तारित करने की घोषणा करनी होगी। चेकपोस्ट पर संबंधित वन रेंजर की ओर से अजैविक कचरे की सुरक्षित वापसी का प्रमाण पत्र दिए जाने के बाद ही धनराशि वापस लौटाई जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here