देहरादून: उत्तराखंड से दिल्ली, यूपी- हरियाणा सहित पड़ोसी राज्याें के लिए चलनी वाली रोडवेज बसों के संचालन में दिक्कत आ सकती है।रोडवेज में 70 ड्राइवर-कंडक्टरों का नौकरी से हटना तय हो गया है। प्रबंधन ने सभी को जबरन रिटायर का नोटिस थमा दिया है। कर्मचारियों को 90 को दिन बाद सेवानिवृत्त समझा जाएगा।

रोडवेज में कई ड्राइवर-कंडक्टर अक्षम होने का हलफनामा देकर बस संचालन और परिचालन के बजाय दफ्तरों में डटे थे। प्रबंधन ने ऐसे ड्राइवर-कंडक्टरों को चिन्हित कर सूची बनाई। इसमें 84 ड्राइवर-कंडक्टरों के नाम सामने आए। प्रबंधन ने इनमें 14 ऐसे ड्राइवर-कंडक्टर छोड़कर जो बस में ड्यूटी करने में अक्षम थे, बाकी सभी 70 को जबरन सेवानिवृत्त के नोटिस भेज दिए हैं।

जिन्हें 90 दिन बाद रिटायर समझा जाएगा। इससे रोडवेज के कर्मचारी संगठनों में आक्रोश है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि अक्षम कर्मचारियों को जबरन रिटायर करना उचित नहीं है। कहा कि रोडवेज में 500 ऐसे कर्मचारी हैं, जो अपने पद के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं।

पहले इन कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष मेजपाल सिंह ने भी प्रबंधन की कार्रवाई का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यदि प्रबंधन अपने फैसले को वापस नहीं लेता है तो कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

मंडल में अक्षम कर्मचारियों को नोटिस भेजे गए हैं। सभी अपना मूल काम छोड़कर अन्य काम कर रहे थे। इसलिए अनिवार्य रिटायरमेंट के नोटिस दिए हैं। नोटिस तिथि के 90 दिन बाद कर्मचारियों को रिटायर समझा जाएगा।
संजय गुप्ता, मंडलीय प्रबंधक (संचालन), देहरादून। 

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