उत्तरकाशी : द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) में एवलांच की चपेट में आकर लापता हुए दो प्रशिक्षुओं की तलाश में सोमवार को अभियान शुरू कर दिया गया है। वहीं बेस कैंप के लिए सोमवार की सुबह वायुसेना के दो चीता हेलीकॉप्टर हर्षिल हेलीपैड से डोकरानी बामक बेस कैंप के लिये रवाना हुए।
सोमवार को वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिए द्रौपदी डांडा के बेस कैंप से पांच शव मातली हेलीपैड पहुंचाए गए।इनकी शिनाख्त सन्तोष कुकरेती हरिद्वार उत्तराखंड, संदीप सरकार कोलकत्ता पश्चिम बंगाल, वमशीधर रेड्डी हैदराबाद तेलंगाना, रजत सिंघल गुड़गांव हरियाणा और एसजीटी अमित कुमार सिंह गोंडा उतर प्रदेश के रूप में हुई है।
डीएम अभिषेक रुहेला ने बताया कि आज सुबह पांच शव मातली लाए गए हैं। पोस्टमार्टम एवं पंचनामा की कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 26 शव मातली लाए गए हैं। एक शव घटना स्थल से बेस कैंप लाया जा रहा है।
घटना स्थल पर खराब मौसम के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत हो रही है। वर्तमान समय मे हर्षिल क्षेत्र में बादल लगे हैं। लापता प्रशिक्षुओं की तलाश में मैनुअली खोज बचाव टीम ने अभियान शुरू कर दिया है। अब तक 27 शव बरामद किए जा चुके हैं।
द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) बेस कैंप से रविवार सुबह दस प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के शव उत्तरकाशी पहुंचाए गए। जहां मृतकों के स्वजन और निम के अधिकारियों ने उनकी शिनाख्त की। मृतकों में आगरा में तैनात पैरा कमांडो यूनिट के लांसनायक शुभम सिंह का पार्थिव शरीर भी थी, जिसे सैन्य सम्मान के साथ सेना को सौंपा गया।
रविवार दोपहर द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में हिमपात शुरू हो गया, जिसके चलते वायु सेना को हेली रेस्क्यू रोकना पड़ा। हालांकि खोज-बचाव अभियान बर्फबारी के बीच चलता रहा। अभी कैंप वन और एडवांस बेस कैंप में छह प्रशिक्षुओं के शव हैं। दो प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए खोज बचाव अभियान जारी है।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी का 42 सदस्यीय प्रशिक्षु व प्रशिक्षक दल चार अक्टूबर की सुबह समिट कैंप से डीकेडी के आरोहण के लिए गया था।
आरोहण स्थल के निकट ही यह दल हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में आया, जिसमें दो प्रशिक्षक समेत 29 प्रशिक्षु लापता हुए थे। अब तक 27 शव बरामद किए जा चुके हैं। इनमें चार के शव शुक्रवार और सात के शव शनिवार को उत्तरकाशी पहुंचाए गए।
रविवार सुबह एडवांस बेस कैंप से दस शव को वायु सेना के चीता हेलीकॉप्टर के जरिये बेस कैंप पहुंचाया गया। बेस कैंप से वायु सेना के एएलएच हेलीकॉप्टर के जरिये मातली, उत्तरकाशी लाया गया।
आइटीपीबी मातली के अस्पताल परिसर में ही शवों को पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम में सभी की मौत का कारण दम घुटना रहा है। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने कहा कि बरामद हुए शेष शवों को सोमवार सुबह हेली रेस्क्यू अभियान चलाकर उत्तरकाशी लाया जाएगा।
रविवार को इनकी हुई शिनाख्त
रक्षित कुमार, निवासी मुनेश्वरा ब्लाक बैंगलुरू (कर्नाटक)
सतीश रावत, निवासी ऋषिकेश रोड चंबा (नई टिहरी)
अमित कुमार शाह, निवासी बेलादंग रोड मुचिपुरा कोलकाता (बंगाल)
अतानु धर निवासी स्ट्रीट नंबर 6, अपोजिट लवन्य अस्पताल मैदान गरीह रोड, छतरपुर (नई दिल्ली)
अर्जुनसिन गोहिल, निवासी ग्राम चित्रावाहु उमराला जिला भावनगर (गुजरात)
अंशुल कैंथला, निवासी ग्राम शेरकोट, हलनीधार शिमला (हिमाचल)
विक्रम एम, निवासी पीवीएस स्कूल, न्यू एक्सटेंसन कदूगोदी, बैंगलुरू (कर्नाटक)
शुभम सिंह पुत्र देवी प्रसाद सिंह, निवासी ग्राम मौहार गांव थाना कल्याणपुर, जिला फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)
कपिल पंवार पुत्र जगमोहन सिंह पंवार निवासी हटनाली बनगांव (उत्तरकाशी)
नरेंद्र सिंह, निवासी ग्राम मल्ला, (जिला पौड़ी गढ़वाल)