यूकेडी से निष्कासन किया स्थगित

पार्टी में हो गयी थी बगावत की नौबत, फिर टूट जाता उक्रांद

देहरादून: यूकेडी की नेता प्रमिला रावत ने आज चौथे दिन आमरण अनशन तोड़ दिया। यूकेडी के अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने एक चिट्ठी लिखकर दी कि वह प्रमिला समेत चार यूकेडी नेताओं का निष्कासन स्थगित कर रहे हैं। यह ऐरी का सही फैसला है, वरना यूकेडी एक बार फिर टूट जाती। प्रमिला यूकेडी आफिस में आमरण अनशन पर बैठ गयी थी और ऐरी समर्थकों ने हरसंभव कोशिश की कि प्रमिला को यहां से हटा दिया जाएं। दो दिन पुलिस भी भेजी कि प्रमिला ने कार्यालय पर कब्जा कर लिया है। पर यह कोशिश भी नाकाम हो गयी।

जब काशी सिंह ऐरी और दिल्ली से ही जांच कर फैसला करने वाले अनुशासन समिति अध्यक्ष की फजीहत हो गयी तो ऐरी के पास कोई विकल्प ही नहंी बचा था कि निष्कासन वापस लेते। बताया जाता है कि प्रमिला को पार्टी के नेताओं का बड़ा समर्थन मिल गया था। कुल मिलाकर प्रमिला समर्थक इसे उनकी जीत और ऐरी की हार मान रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ बुड्ढे पार्टी पर बोझ बन गये हैं। चुनाव के दौरान मिले चंदे का हिसाब भी एक बड़ा सवाल है।

गौरतलब है कि यूकेडी ने अनुशासनहीनता के आरेाप में प्रमिला रावत, जयप्रकाश उपाध्याय, विपिन रावत, महिपाल नेगी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। इसके बाद से ही प्रमिला ने आमरण अनशन शुरू कर दिया था। उनका कहना है कि यूकेडी में पिछले 25 साल से है, पार्टी किसी की बपौती नहीं है। बताया जाता है कि काशी सिंह ऐरी बागेश्वर मे हैं और 19 को देहरादून आएंगे। प्रमिला समर्थकों का सवाल था कि क्या ऐरी बागेश्वर से पैदल आ रहे हैं।

गुणानंद जखमोला का आलेख…..

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