दीपक फरस्वान ……

यदि आप केदारनाथ धाम की यात्रा हेलिकॉप्टर से करने की योजना बना रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आपका वजन 80 किलोग्राम से कम हो। नई गाइडलाइन में ऐलान किया गया है कि 80 किलो से ज्यादा वजन वाले यात्रियों को 150 रुपये प्रति किलो अतिरिक्त चार्ज के तौर पर देना होगा। नियम इतने कड़े हैं कि एक साथ यात्रा करने पर भी किसी अन्य यात्री के कम वजन के साथ इसका समायोजन नहीं किया जाएगा।

वजन को लेकर बनाए गए नियम आम से खास तक हर यात्री के लिए समान हैं। लेकिन, इस नियम की आड़ में पैसों का ‘खेल’ छिपा हुआ है। दरअसल, होता यह है कि गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी से हेली यात्रा का किराया तो सरकार हर साल निर्धारित कर लेती है। लेकिन यात्री के ओवरवेट के नाम पर हो रही वसूली की ओर संबंधित विभाग आंख मूंद लेता है। हेली सेवा प्रदाता कम्पनियां ओवरवेट का जो अतिरिक्त शुल्क यात्री से लेती हैं उसका कोई लेख जोखा ‘उत्तराखंड नागरिक ‘उड्डयन विकास परिषद’ (यूकाडा) को उपलब्ध नहीं कराया जाता। मसलन, किसी यात्री का वजन यदि 90 किलो है तो उसे 10 किलो का अतिरिक्त कियाया 150 रूपया प्रति किलो के हिसाब से 1500 रूपया हेली कम्पनी को अदा करना होगा। इस धनराशि पर सरकार कम्पनी से न तो कोई टैक्स लेती है और न ही कोई हिस्सा। कहा तो यह जा रहा है कि इस मद में इकट्ठी की गई रकम का एक मोटा हिस्सा कमीशन के रूप में अधिकारियों की जेब में पहुंच रहा है। यदि इस गड़बड़झाले पर ध्यान दिया जाए तो लाखों का राजस्व सरकार को प्राप्त हो सकता है।

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