विकासनगर:  गेट बाजार त्यूणी के पास हुई भीषण अग्निकांड में 4 मासूम बच्चियों की जिंदगी चली गई। सरकारी तंत्र और तहसील स्तर पर आपदा प्रबंधन के इंतजाम अपर्याप्त होने से नाराज पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं चकराता विधायक प्रीतम सिंह क्षेत्र के सैकड़ों लोगों के साथ त्यूणी-चकराता हाईवे पर गेट बाजार त्यूणी के तिराए में सड़क पर धरने में बैठ गए।

वहीं भीषण अग्निकांड की घटना से आक्रोशित क्षेत्रवासियों के साथ धरने पर बैठे पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं चकराता विधायक प्रीतम सिंह से वार्ता करने जिलाधिकारी सोनिका और डीआइजी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप कुंवर धरना स्थल पर पहुंचे।

डीआईजी और डीएम ने विधायक व आक्रोशित ग्रामीणों को किसी तरह समझा-बुझाकर शांत कराया। जिला प्रशासन ने मामले में लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों व पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया और जाम को खुलवा दिया।

आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन पर आपदा के समय लापरवाही व उदासीनता बरतने का आरोप लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन कर नारेबाजी की। तंत्र की हीला-हवाली से आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मकान में लगी आग की सूचना के काफी देर बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी बिना तैयारी के मौके पर पहुंची। अग्निशमन दल में तैनात पुलिसकर्मी नशे की हालत में थे और फायर ब्रिगेड के वाहन में पानी कम था।

अगर अग्निशमन दल के कर्मी सही हालत में होते और पुलिस-प्रशासन मुस्तैद रहता तो घटनास्थल 80 मीटर की दूरी पर टोंस नदी से आग बुझाने को मोटर से पानी खींचा जा सकता था। पहाड़ के सुदूरवर्ती इलाकों में आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने को पर्याप्त संसाधन और कर्मचारी उपलब्ध नहीं होने से 4 मासूम बच्चियों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई।

थाना पुलिस ने नशे की हालत में सूचना के काफी देर बाद पहुंचे दमकल कर्मियों का मेडिकल कराने के बजाय उनका बचाव किया। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे जाम कर लापरवाह अग्निशमन और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने, पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिलाने, तहसील स्तर पर आपदा प्रबंधन को मजबूत बनाने व राजकीय अस्पताल त्यूणी में मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की। प्रदर्शनकारियों में चकराता की ब्लाक प्रमुख निधि राणा समेत क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि शामिल है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here