देहरादून: अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस महिला द्वारा बाल मुड़वाने पर सियासत ने जोर पकड़ लिया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने जहां सवाल उठाया है वहीं कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष ने जवाब दिया है।

कांग्रेसी महिलाओं ने सिर मुंडवाकर जताया विरोध।
कांग्रेसजनों ने बीते रोज सचिवालय कूच किया, इस दौरान उन्हें भारी पुलिसबल से हाथीबड़कला रोक दिया, सभी कांग्रेसी सड़क पर बैठक विरोध प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे और अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने मामले की CBI से जांच कराकर वीआईपी के नाम का खुलासा करने की माग करने लगे। इस दौरान कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष ज्योति रौतेला और महामंत्री शिवानी ने सिर मुड़वा कर विरोध जताया।

सिर मुंडवाकर कांग्रेस ने किया सनातनी संस्कृति का अपमान।

इस पूरे प्रकरण पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया है। महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस हमेशा सनातनी संस्कृति को अपमानित करते रही है। और बीते रोज भी जिस तरह से कांग्रेस ने अपनी महिला मोर्चा की नेताओं पर दबाव बनाकर सिर मुंडवाया उससे कांग्रेस ने मातृशक्ति का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी का मामला न्यायालय में चल रहा है। और इस तरह का विरोध करके कांग्रेस न्यायालय के प्रति अविश्वास व्यक्त कर रही है।

बीजेपी को ज्योति रौतेला का जवाब।
उधर कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि महेंद्र भट्ट की बात को मैं इस बात से खारिज करता हूं कि सर मुंडवाने तब कांग्रेस के नेताओं को दूर-दूर तक पता नहीं था। कहा की कई दिनों से मन विचलित था कि किस तरह से भाजपा सरकार को जगाने का काम किया जाए, इसलिए उन्होंने अपना सिर मुंडवा कर विरोध दर्ज किया। साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से सवाल भी पूछा है कि, यदि सनातन संस्कृति में महिला के सिर मुंडवाने को गलत माना जाता है, तो क्या सनातन में रेप करना सही माना जाता है?

कुल मिलाकर अंकिता भंडारी मामले में सियासत लगातार जारी है, सर मुंडवाने को जहां बीजेपी ने सनातन संस्कृति को अपमानित करना बताया। वही कांग्रेस ने बीजेपी से सवाल पूछा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि मामले में यदि सीबीआई जांच होती और उस वीआईपी के नाम का खुलासा होता जिसका लोग लगातार जिक्र कर रहे हैं। तब शायद ही इस पूरे प्रकरण पर इतनी सियासत नहीं होती।

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