देहरादून : श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ने एक माह के भीतर ही अपने पहले छात्रसंघ संविधान पर रोक लगा दी है। इस साल पुराने नियमों के मुताबिक ही विवि व कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव होंगे। वहीं, छात्राओं के लिए कोषाध्यक्ष के बजाए इस साल उपाध्यक्ष का पद आरक्षित किया गया है।

विभिन्न छात्र संगठनों ने छात्रसंघ संविधान पर आपत्तियां दर्ज कराईं थीं। इस पर पांच दिन पहले विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। बैठक में तय किया गया कि हाल में जारी किया गया छात्रसंघ संविधान इस साल लागू नहीं होगा। इसकी समीक्षा की जाएगी। विवि ने छात्रसंघ चुनाव में शामिल होने के लिए कम से कम एक वर्ष संस्थागत का नियम भी हटा दिया है। व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे छात्र भी चुनाव में शामिल हो सकेंगे। बीबीए, बीसीए, एमए योगा व एमएससी माइक्रोबायोलॉजी छात्रों को भी चुनाव में शामिल होने की अनुमति दे दी गई है।

ये भी तय हुआ कि शासन के 2018 के नियमों व लिंगदोह समिति की सिफारिशों के मुताबिक छात्रसंघ चुनाव कराया जाएगा। विवि के कुलसचिव खेमराज भट्ट ने कहा कि समिति इस संविधान के विभिन्न बिंदुओं का अध्ययन करेगी, तब इस पर निर्णय लिया जाएगा। बैठक में परीक्षा नियंत्रक वीपी श्रीवास्तव, सहायक परीक्षा नियंत्रक बीएल आर्य, ऋषिकेश परिसर निदेशक प्रो. एमएस रावत, प्रो. पीके सिंह, प्रो. दिनेश शर्मा, प्रो. वाईके शर्मा, प्रो. परवेज अहमद, प्रो. पुष्पांजलि आर्य, डॉ. अरुणा पी सूत्रधार शामिल हुए।

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