देहरादून:  उत्तराखंड में लोकसभा की पांचों सीटों पर हैट्रिक का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरी भाजपा प्रत्याशी चयन के मामले में फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही है। पार्टी ने शनिवार को राज्य की तीन लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। इनमें टिहरी, अल्मोड़ा व नैनीताल-ऊधम सिंह नगर में पार्टी ने बिना कोई जोखिम उठाए वर्तमान सांसदों पर भरोसा जताया है। हरिद्वार व पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट को होल्ड पर रखा गया है। इन सीटों पर उम्मीदवारों का भी ऐलान किया जाएगा।

वर्तमान में हरिद्वार का प्रतिनिधित्व पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और पौड़ी का प्रतिनिधित्व पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कर रहे हैं। हरिद्वार व पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट के लिए दावेदारों की संख्या भी ठीकठाक है। ऐसे में प्रत्याशी चयन को पार्टी मशक्कत में जुटी है। उम्मीद जताई जा रही है कि छह अथवा सात मार्च को संभावित केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में इन सीटों के लिए प्रत्याशी के नाम पर मुहर लग सकती है।

उत्तराखंड में भाजपा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से अजेय बनी हुई है। तब से यहां की पांचों सीटों पर वह विजय हासिल करती आई है। अब उसके सामने लगातार तीसरी बार लोकसभा की सभी सीटें जीतकर इतिहास रचने की चुनौती है। इसी दृष्टिकोण से पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति तय की है तो प्रत्याशी चयन को लेकर भी वह पूरी सतर्कता बरत रही है। इसके लिए पार्टी ने सभी लोकसभा सीटों पर विभिन्न स्तर से सर्वे कराए।

यही नहीं, पार्टी ने दावेदारों के नाम का पैनल तय करने के दृष्टिगत पर्यवेक्षक भी क्षेत्र में भेजे। प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति ने सभी सीटों के लिए 55 नामों का पैनल तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व को भेजा था। इन सभी नामों पर हाल में हुई पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में चर्चा हुई। तब से सभी की नजरें दिल्ली पर टिकी थीं।

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए देश के विभिन्न राज्यों के लिए जिन 195 प्रत्याशियों की सूची जारी की, उनमें उत्तराखंड की तीन सीटों के प्रत्याशी भी शामिल हैं। पार्टी ने टिहरी से माला राज्य लक्ष्मी शाह, अल्मोड़ा से अजय टम्टा और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर से केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट को उम्मीदवार बनाया है। तीनों ही वर्तमान में इन सीटों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। साफ है कि पार्टी को तमाम आंतरिक सर्वे और विभिन्न समीकरणों के आधार पर यहां प्रत्याशियों के लिए माथापच्ची की आवश्यकता नहीं पड़ी।

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