देहरादून: उत्तराखण्ड मे भले ही अब पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री हो उनसे पहले तीरथ सिंह भी मुख्यमंत्री रहे लेकिन विकास कार्य सब त्रिवेंद्र रावत द्वारा शुरू किए ही आगे बढ रहे है। गैरसैंण मे त्रिवेंद्र रावत द्वारा पास किए बजट की एक और योजना धरातल पर आने को है ।
सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सहकारिता विभाग की बुधवार को विधानसभा कार्यालय सभागार में समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि, 15 अगस्त तक मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना की लॉन्चिंग की तैयारी करें।

बैठक में शासन में सहकारिता के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना मुख्यमंत्री घसियारी योजना पर काम कर रहा है। 20, 20 किलो के साइलेज बैगज बनाये जा रहे हैं। एक दिन में 300 मैट्रिक टन
साइलेज बनाया जा रहा है। शुरुआत में 3000 हज़ार मैट्रिक टन साइलेज बनाये जाने का लक्ष्य है।
इसे समितियो के माध्यम से 50% अनुदान में राज्य के ब्लॉकों में दिया जायेगा। ताकि महिलाओं का बोझ कम हो सके। उन्हें सहूलियत मिले।

सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने समीक्षा बैठक में
कहा कि पैक्स कंप्यूटरीकरण पूरा हो गया है।
670 समितियो का कम्प्यूटरिकरण का भी 15 अगस्त से पहले उद्घाटन किया जाये। उन्होंने कहा कि, उत्तराखण्ड चुनिंदा प्रदेशों में हैं जहाँ न्याय पंचायत स्तर पर समितियां कंप्यूटरीकृत हो गई हैं। इससे पारदर्शिता, काम मे गति आई है।अपर निबंधक व राज्य सहकारी बैंक की एमडी श्रीमती ईरा उप्रेती ने कंप्यूटराइजेशन उद्घाटन की शीघ्र तिथि शासन को बताने की बात कही।

समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने जिला सहायक निबंधको को वाहन सुविधा देने के निर्देश दिए।बैठक में यह भी मामला आया था कि, ज्यादातर एआर के पास वाहन नहीं हैं।

राज्य सहकारी बैंक की एमडी ईरा उप्रेती ने बताया कि 10 जिलों के सहकारी बैंकों व राज्य सहकारी बैंक की एटीएम वैन आ गई, इसका उद्घाटन किया जाना है। बताया गया कि कोविड काल में कॉपरेटिव बैंक की मौजद एटीएम वैन ने काफी लोगों को सुविधा दी।

मुख्यमंत्री मोटरसाइकिल योजना के प्रचार प्रसार की बैंकों द्वारा किए जाने की बात कही गई कहा गया कि राज्य के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में मोटरसाइकिल योजना का प्रचार प्रसार किया जाए गौरतलब है कि राज्य के डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक बेरोजगारों को मोटरसाइकिल के लिए सब्सिडी दे

डा० रावत ने सी०बी०एस० प्रणाली एवं डाटा सेंटर की समीक्षा करते हुये निर्देश जारी किये की जिला सहकारी बैंकों में आपुर्ति, क्रियान्वयन, प्रशिक्षण तथा कोर बैंकिंग समाधान के सम्बंध में निबंधक, सहकारी समितियाँ, उत्तराखंड द्वारा राज्य सहकारी बैंकों को अधिशासी निदेशक, टेलीकम्यूनिकेशन कंसलटेंट इण्डिया लिमिटेड द्वारा उपलब्ध करायी गयी डी०पी०आर० पर अग्रेत्तर कार्यवाही की जाये। ज्ञात हो कि इसके चलते टी०सी०आई०एल० कम्पनी द्वारा हल्द्वानी में डाटा सेंटर की स्थापना की गयी है ,वो वेकेन्ट पार्टनर को साफ्टवेयर डेमो प्रेषित करें। वर्तमान में कार्यरत सी०बी० एस० प्रदाता कम्पनी विप्रो को 19 दिसंबर 2017 को हुये अनुबन्ध पत्र को समाप्त करने के सम्बंध में समीक्षा कर डाटा माइग्रेशन के लिये निर्देशित करने को भी कहा गया।

तीसरे महत्वपूर्ण बिंदु स्विच माइग्रेशन की समीक्षा में उन्होंने, जिला सहकारी बैंकों में सर्वत्रा टेक्नोलॉजिस कंपनी6 से स्विच/ए०टी०एम० सम्बंधित सेवायें जो चल रही थी किन्तु उनके द्वारा विभिन्न सेवाओं के लिये समय समय पर अत्यधित धनराशि सेवा शुल्क के नाम पर ली जा रही थी।
VAS के माध्यम से ग्राहकों को शिक्षित व डिजिटल पेमेन्ट में वृद्धि किये जाने के उद्देश्य हेतु, निबंधक, सहकारी समितियां, उत्तराखंड के आदेशानुसार बैंकों में स्विच का पायलट प्रोजेक्ट किये जाने के निर्देश देते हुये मैसर्स सर्वत्रा के स्थान पर मैसर्स के० एफ़०एस०/ई०पी०एस० से लिये जाने का पायलट प्रोजेक्ट पूर्ण कर लिया गया है व वर्तमान में समस्त संबंधित सेवायें इन्ही से ली जा रही है, तथा स्विच माइग्रेशन हेतु जिला सहकारी बैंक देहरादून, हरिद्वार को समस्त सेवायें मैसर्स के०एफ०एस०/ई०पी०एस० के माध्यम से सुचारू रूप में संचालित करने के निर्देश भी जारी किये गये।

सहकारिता में हर व्यक्ति तक पहुँचने की दूरदर्शिता के चलते नयी जिला सहकारी बैंक शाखायें स्थापित करने हेतु 76 नवीन जिला सहकारी बैंकों की शाखायें जहां तक संभव हो, समीपवर्ती समिति भवन में ख़ोले जाने हेतु दिशानिर्देशित किया गया। व सम्बंधित अधिकारियों को तत्काल इस विषय में कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया।

मंत्री डॉ रावत ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री मोटर साइकिल योजना तथा घस्यारी कल्याण योजना के प्रभावी किर्यान्वन व योजना का जन प्रसार हेतु मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्मो के माध्यम से अधिक से अधिक प्रचार व प्रसार की बात कही गयी। जिससे कि प्रदेश भर के वास्तविक पात्रों तक सरकार की इन महत्वकांक्षी योजनाओं को सही तरीके से किर्यान्वित किया जा सके। व उक्त योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ योग्य लाभार्थी ले सके।

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