भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव जारी है। चीन और भारत दोनों ही लगातार सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की संख्या बढ़ा रहे है, खासतौर पर पैंगोंग त्सो इलाके में। वही लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ चल रही तनातनी के बीच भारतीय सेना ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी की ओर से चीन से लगी सीमा पर मोर्चाबंदी शुरू कर दी है।

सीमांत जनपद उत्तरकाशी के नेलांग बॉर्डर की अंतिम चौकियों पर सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात हैं। चीन सीमा से लगे इस बॉर्डर पर भी सेना को सतर्क किया गया है। सोमवार की सुबह वायु सेना ने विमान से दो बार उत्तरकाशी के सीमांत क्षेत्र का हवाई दौरा किया। बता दें कि उत्तराखंड की चीन सीमा पर सुरक्षा की चौकसी को लेकर वायु सेना भी अलर्ट है। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर सेना की गतिविधि बढ़ गई है। सीमा की ओर जाने वाले जवान पहले चिन्यालीसौड़ में रूके हैं। सेना के जवानों की आवाजाही की स्थिति पिछले दो दिनों से बनी हुई।

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ओर से की गई हिंसक झड़प के बाद से सीमांत जनपद उत्तरकाशी के बॉर्डर पर भी सेना अलर्ट हो गई हैं। चीन को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए सेना तैयार हैं। उत्तरकाशी के बॉर्डर पर भारतीय सेना की नौ बिहार रेजीमेंट के सैनिक तैनात हैं। यहां सेना पहले से ही अलर्ट मोड में है। यहां सेना किसी तरह की चूक नहीं चाहती है। भारत-चीन की 345 किलोमीटर लंबी सीमा उत्तराखंड में है। इसमें उत्तरकाशी में करीब 122 किलोमीटर लंबी सीमा है। इस सीमा पर चौकसी की जिम्मेदारी आइटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) के पास है।

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