चीन के साथ लद्दाख सीमा पर तनाव के बीच बीते दिनों फ्रांस से भारत आए पांच राफेल लड़ाकू विमान आज आधिकारिक रूप से वायुसेना का हिस्सा बन जाएंगे। भारतीय वायु सेना आज अंबाला वायुसैनिक अड्डे में विधिवत रूप से राफेल विमानों को अपने बेड़े में शामिल करेगी। ये विमान वायु सेना के 17 वें स्क्वाड्रन, “गोल्डन एरो” का हिस्सा होंगे।
पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 27 जुलाई को फ्रांस से अंबाला के वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचा था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगें।
भारतीय वायुसेना को अभी तक पांच राफेल लड़ाकू विमान मिले हैं, जबकि 2022 तक इनकी संख्या कुल 36 हो जाएगी, जिसे अलग-अलग एयरबेस पर तैनात किया जाएगा। राफेल लड़ाकू विमान अभी अंबाला एयरबेस पर तैनात हैं, जो चीन और पाकिस्तान सीमा के पास है, ऐसे में मौजूदा परिस्थितियों में ये बिल्कुल भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
जानिए राफेल की खासियत और ताकत…
- राफेल लड़ाकू विमान का कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है, साथ ही ये दो इंजन वाला विमान है।
राफेल में तीन तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं। हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल, हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल और हैमर मिसाइल। - राफेल लड़ाकू विमान स्टार्ट होते ही ऊंचाई तक पहुंचने में अन्य विमानों से काफी आगे है। राफेल का रेट ऑफ क्लाइंब 300 मीटर प्रति सेकंड है, राफेल एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है।
- राफेल ओमनी रोल लड़ाकू विमान है। यह पहाड़ों पर कम जगह में उतर सकता है।
- राफेल को समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर उतार सकते हैं।
- एक बार फ्यूल भरने पर यह लगातार 10 घंटे की उड़ान भर सकता है। ये हवा में ही फ्यूल को भर सकता है।
- राफेल पर लगी गन एक मिनट में 2500 फायर करने में सक्षम है।
- राफेल में इतना तगड़ा रडार सिस्टम है कि ये 100 किलोमीटर के दायरे में एकबार में एकसाथ 40 टारगेट की पहचान कर सकता है।
- राफेल लड़ाकू विमान करीब 24,500 किलोग्राम तक का भार उठाकर ले जाने के लिए सक्षम हैं, साथ ही 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की भी गारंटी है।
- राफेल में अभी जो मिसाइलें लगी हैं, वो सीरिया, लीबिया जैसी जगहों में इस्तेमाल हो चुकी हैं।
- इसके अलावा जल्द ही SPICE 2000 को भी इसमें जोड़ा जाएगा।