शरीर को हेल्थी बनाए रखने और बीमारियों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का सही होना बहुत जरूरी है। अगर इसमें कमी आ जाए तो इंसान को बीमारियां जल्दी घेर लेती हैं। इसे मजबूत बनाए रखने के लिए बैलेस डाइट का सेवन करना बहुत जरूरी है।

अगर आप चाहते हैं कि आपका इम्यून सिस्टम दुरुस्त रहे तो रोज़ आपकी प्लेट रंगीन फलों और सब्जियों से भरी होनी चाहिए। इसके अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए और किन-किन चीज़ों को अपनी डाइट में करें इन और किन्हें आउट इसके बारे में भी जान लें। कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है इसलिए अभी भी एतिहात बरतना बहुत ही जरूरी है। बाहर निकलने पर मास्क लगाना, हाथ सैनिटाइजर से साफ करते रहने के साथ ही अपने इम्यून सिस्टम को भी सही रखना बेहद जरूरी है।

शकरकंद

आपकी त्वचा को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए विटामिन ए की जरूरत होती है। शकरकंद में विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में पाया जता है। शरीर में विटामिन ए पाने का सबसे बेहतरीन उपाय यह है कि अपने आहार में बीटा कैरोटिन युक्त चीज़ों को शामिल करें जैसे कि शकरकंद। बीटा कैरोटिन हमारे शरीर में विटामिन ए में बदल जाता है।

मशरूम

इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए मशरूम कुदरत का वरदान है। मशरूम व्हाइट ब्लज सेल्स को बढ़ाता है और सक्रिय कर देता है। इस तरह संक्रमण बहुत जल्दी दूर हो जाता है। मशरूम में ग्लुकौन और बीटा दोनों पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। शिटाके और रेइशी मशरूम में सबसे ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले तत्व व एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं।

जरूरत कितनी– हफ्ते में दो-तीन बार 100 ग्राम मशरूम थोड़े से तेल में भून कर खाने से ज्यादा लाभ मिलेगा।

मछली

इनमें सेलेनियम होता है। खासतौर पर ओयस्टर, लॉब्स्टर और क्रैब में सेलेनियम प्रचुर मात्रा में होता है, सेलेनियम की मदद से खून में सफेद रक्त कणिकाएं मिलकर साइटोकिंस नामक प्रोटीन का निर्माण करते हैं, जो शरीर में फ्लू वायरस से बचाव के लिए इम्यून को मजबूत बनाता है। सालमन में ओमेगा 3 फैट्स पाया जाता है, जो जलन कम करता है, फेफड़ों को कोल्ड व रेस्पिरेटरी इंफेक्शन से बचाने में मदद करता है।

लहसुन

इसमें एलिसिन पाया जाता है, जो इंफेक्शन और बैक्टीरिया का मुकाबला करता है। एक शोध में पाया गया कि लहसुन का सेवन नियमित करने वालों को जुकाम जल्दी नहीं होता। शोध से यह भी पता चला है कि हफ्ते में 6 कली से ज्यादा लहसुन खाने वालों में कोलोरेक्टल कैंसर की आशंका 30 प्रतिशत और स्टमक कैंसर की 50 प्रतिशत कम होती है।

जरूरत कितनी– दिन में 2 कली लहसुन व हफ्ते में कई बार इससे बनी सब्जी।

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