ऐसी खींचा – तानी क्यों भाई ………………………………..

प्रतिष्ठित लोगों के नाम पर तो तमाशा न करो …………….

नई टिहरी के जिस ढुंगीधार इंटर काॅलेज का नामकरण उत्तराखंड के शिक्षामंत्री ने 15 दिन पहले पर्यावरणविद् सुन्दर लाल बहुगुणा के नाम पर करने की घोषणा की थी, अब कल ही मुख्यमंत्री ने किसी और के नाम पर करने की घोषणा कर दी।
कल मुख्यमंत्री धामी जी नई टिहरी आए थे। उनकी घोषणाओं में ढ़ुंगीधार इंटर कॉलेज का नाम प्रथम विश्व युद्ध के कुट्ठा गांव के शहीद सैनिक प्रताप सिंह रावत के नाम पर करना भी शामिल रहा।
सवाल यह कि क्या मुख्यमंत्री या टिहरी जिले के किसी भी विधायक या पार्टी नेताओं को 15 दिन पहले की शिक्षामंत्री की घोषणा की घोषणा की जानकारी नहीं थी, जोकि अखबारों में भी छपी थी।


दूसरा सवाल, कुट्ठा गांव के जिन प्रताप सिंह रावत के नाम पर काॅलेज का नाम रखने की घोषणा की गई है, उनका नाम नई टिहरी के दो – दो युद्ध / शहीद स्मारकों में से किसी के भी शिलापट्ट पर क्यों दर्ज नहीं हुआ है।
दोनों के शिलापट्ट पर प्रथम विश्व युद्ध के शहीद सैनिक के रूप में केवल विक्टोरिया क्रास विजेता गबर सिंह नेगी का नाम ही दर्ज है। दूसरे स्मारक का उद्घाटन तो अभी कुछ ही दिन पहले हुआ है। क्या तब प्रताप सिंह रावत प्रथम विश्व युद्ध के शहीद सैनिक नहीं थे। क्या प्रथम विश्व युद्ध अभी एक दो महिने पहले ही हुआ है।

क्या यह काम जानबूझकर सुन्दरलाल बहुगुणा के नाम को नीचा दिखाने के लिए किया गया है..? और क्या इससे प्रताप सिंह रावत का नाम ऊंचा हो जाएगा ..? अरे भाई, पहले शहीदों के शिलापट्ट पर तो उनका नाम दर्ज करो। प्रथम विश्व युद्ध हुए तो एक शताब्दी गुजर गई …..। अब तक प्रताप सिंह रावत को कितना सम्मान दिया …..? और सम्मान देने का यह तरीका कौन सा हुआ ….?
जाओ, आज ही पहले प्रताप सिंह रावत का नाम युद्ध स्मारक के शिलापट्टों पर लिखवाओ ….। मैं शाम को नाम देखने आऊंगा ………….

वरिष्ठ पत्रकार महीपाल नेगी की वाल से

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