देहरादून: दिल्ली में प्रदूषण के प्रकोप के बीच दिल्ली सरकार ने एक पत्र परिवहन मुख्यालय को भेजा है। इस पत्र में दिल्ली में वाहनों की एंट्री को लेकर नियम-शर्तें बताते हुए सहयोग की अपील की गई है। दिल्ली के परिवहन आयुक्त की ओर से आए इस पत्र में कहा गया है कि चूंकि राजधानी में सार्वजनिक परिवहन के सभी वाहन सीएनजी से चलते हैं। डीजल वाहनों का संचालन बंद हो चुका है।

बाहरी राज्यों के डीजल वाहन ही यहां आते हैं। लिहाजा, जो भी बसें यहां भेजें, वह दस साल से कम पुरानी हों। इसके साथ ही उनके पास हर हाल में प्रदूषण प्रमाण पत्र होना चाहिए। अगर ऐसा न हुआ तो दिल्ली सरकार ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।

दूसरी ओर, सरकार पहले ही ट्रकों की सीमित एंट्री की बात कह चुकी है। इस पर 21 नवंबर तक प्रतिबंध भी लगाया गया था। दिल्ली सरकार ने उत्तराखंड से भी अपील की है कि जहां तक हो सके, ट्रकों के संचालन के लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें।

परिवहन निगम दिल्ली के लिए नियमानुसार पूरी तरह फिट बसें ही भेज रहा है। निगम के जीएम संचालन दीपक जैन ने बताया कि हमारी सभी बसें ऐसी संचालित हो रही हैं जो कि या तो सीएनजी हैं या फिर दस साल से कम पुरानी हैं। सभी बसों के लिए प्रदूषण सर्टिफिकेट अनिवार्य तौर पर रखा गया है।

उत्तराखंड क्रांति दल (डेमाक्रेटिक) के केंद्रीय प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रोहित डंडरियाल ने दिल्ली, नैनीताल, जयपुर

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