बिलासपुर : देश प्रेम की अलख जगाने के लिए कई विकल्प आजमाए जा सकते हैं। भारतीय राष्ट्रगान एक ऐसी ही रचना है, जिसे सुनने के बाद रोम-रोम में देश प्रेम के भाव भर जाते हैं।छत्तीसगढ़ में एक ऐसा ही बैंक है, जहां के कर्मचारी अपने दिन की शुरुआत राष्ट्रगान से करते हैं। बिलासपुर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक (District Co operative Central Bank) के कर्मचारी राष्ट्रगान गाने के बाद अपना काम शुरू करते हैं।

कर्मचारियों का कहना है कि राष्ट्रगान के साथ काम शुरू करने पर उनके अंदर काम के प्रति एक अलग ही जज़्बा रहता है और ईमानदारी से पूरे दिन काम किया जाता है जो अपने आप में पूरे देश और प्रदेश के लिए एक मिसाल है। अक्सर देखा गया है कि स्कूलों को छोड़कर शासकीय, अशासकीय कार्यालयों में साल में केवल दो मौकों पर ही राष्ट्रगान गाया जाता है।

बाकी के दिन इस गान को लोग याद भी नहीं करते हैं। लेकिन बिलासपुर का जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक (District Co-operative Central Bank) एक मिशाल के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। जहां रोजाना अधिकारी, कर्मचारी अपना काम शुरू करने से पहले राष्ट्रगान गाते हैं। सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने स्थान पर खड़े हो जाते हैं और एक धुन शुरू होती है जिसे सभी कर्मचारी उस धुन पर राष्ट्रगान गाते हैं।

बैंक के सभी कर्मचारी अधिकारी सुबह 10:30 बजे कार्यालय में प्रवेश करते हैं. ठीक 10.45 बजे राष्ट्रीय धुन शुरू होती है और सभी कर्मचारी इसे गाते (Officer Employees Start Work by Singing National Anthem) हैं। बैंक में ड्यूटी से पहले राष्ट्रगान की पहल के उद्देश्य पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर (District Co-operative Central Bank) के सीईओ प्रभात मिश्रा का कहना है कि इस तरह यदि रोजाना कर्मचारी राष्ट्र गान गाएंगे तो उनमें देशप्रेम का जज्बा तो आएगा साथ ही ईमानदारी से अपना काम भी करेंगे। कर्मचारियों का मानना है कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लग सकेगा।

बैंक के अधिकारी-कर्मचारी भी इस व्यवस्था से खुश हैं और वो इसे एक अच्छी पहल मानते हैं। उनके अनुसार जब तक देश को आगे बढ़ाने की चाह नहीं रहेगी, व्यक्ति अपना काम सही ढंग से नहीं करेगा और इस व्यवस्था से काम को लेकर सभी अधिकारी-कर्मचारी उत्साहित रहते हैं। बैंक के अधिकारी ये भी कहते हैं कि इस तरह की व्यवस्था सभी कार्यालयों में शुरू करना चाहिए। जिससे कर्मचारियों में काम को लेकर ईमानदारी की भावना जगे और वह अपना काम ठीक तरह से करे।

इस व्यवस्था का परिणाम यह रहा कि सन 2010 तक बैंक घाटे में चल रही थी। बैंक की माली हालत ठीक नहीं थी और करोड़ों रुपए की वसूली बकाया थी। जिसकी मुख्य वजह कर्मचारियों की काम में लापरवाही थी, लेकिन जब से राष्ट्रगान से काम की शुरुआत हुई है तभी से कर्मचारी अपना काम बेहतर ढंग से कर रहे हैं और आज बैंक में घाटे की जगह फायदा नजर आने लगा है।

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