देहरादूनः उत्तराखंड चुनाव परिणाम से पहले ही लगातार भाजपा में भितरघात की खबरें आ रही हैं। इसी तरह से गुरुवार को किच्छा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला ने भी उनके साथ हुए षड्यंत्र का इशारा दिया है। इसके साथ ही भाजपा नेताओं के प्रदेश में सरकार बनाने का दावा सवालों के घेरे में खड़ा हो गया है। इससे पहले भी संजय गुप्ता, कैलाश गहतोड़ी और काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा भी ऐसे आरोप लगा चुके हैं।
उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सरकार बनाने का दावा कर रही है। वहीं, कांग्रेस के इस दावे को और मजबूती भाजपा संगठन के अंदर से आ रही तमाम भितरघात की खबरों से मिल रही है। 14 फरवरी को हुए मतदान के बाद से ही उत्तराखंड भाजपा में मानो जैसे पार्टी के साथ हुए भितरघात के बयानों की खलबली मची है. मतदान के अगले ही दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर भाजपा के ही सिटिंग विधायक व लक्सर प्रत्याशी संजय गुप्ता ने गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद पूरे प्रदेश भर से ऐसे कई प्रत्याशियों के बयान सामने आए।
वहीं, उत्तराखंड में चुनाव परिणाम का दिन बेहद नजदीक है। ऐसे में अभी भी लगातार भाजपा के कई मजबूत विधायक उनके साथ हुए भितरघात को लेकर आवाज उठा रहे हैं। ऐसे ही कुछ संकेत किच्छा से विधायक राजेश शुक्ला ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में उनके भी बागी प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे और उनको पार्टी के ही कुछ ऊंचे पदों पर बैठे नेताओं ने सपोर्ट किया था। राजेश शुक्ला ने कहा कि वह ज्यादा विस्तार से मीडिया को नहीं बताना चाहते हैं। लेकिन पार्टी फोरम पर उन्होंने अपनी पूरी बात रख ली है और उम्मीद करते हैं कि पार्टी इन चुनावों में हुई इन गलतियों से सीख लेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि इससे पार्टी को नुकसान भी हो सकता।
14 फरवरी को जैसे ही मतदान समाप्त हुआ, हरिद्वार जिले की लक्सर सीट से बीजेपी प्रत्याशी संजय गुप्ता ने रोना-धोना शुरू कर दिया। दरअसल उन्हें अपनी हार का डर सताने लगा। इस संभावित हार के लिए उन्होंने विपक्षियों पर नहीं बल्कि अपने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर ही गंभीर आरोप जड़ दिए।
संजय गुप्ता ने कहा कि मदन कौशिक ने उन्हें हराने के लिए साजिश रची है। उन्होंने आरोप लगाया कि मदन कौशिक ने लक्सर सीट पर मायावती की पार्टी बसपा के प्रत्याशी मोहम्मद शहजाद को अंदर ही अंदर फायदा पहुंचाया है। संजय गुप्ता ने यहां तक कह दिया है कि मदन कौशिक ‘जिस हांडी में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं’। पार्टी हाईकमान को मदन कौशिक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
काशीपुर सीट से इस बार बीजेपी ने हरभजन सिंह चीमा के बेटे त्रिलोक चीमा को टिकट दिया था। मतदान के दूसरे ही दिन हरभजन सिंह चीमा ने पार्टी के अनेक नेताओं को गद्दार बता दिया। चीमा ने कहा कि उन्हें मालूम है कि बीजेपी के गद्दार कौन हैं, जिन्होंने उनके बेटे त्रिलोक चीमा के चुनाव के खिलाफ काम किया। काशीपुर से बीजेपी विधायक हरभजन सिंह चीमा ने ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
चीमा की चिंता: दरअसल, काशीपुर विधानसभा सीट पर इस बार 64.33 फीसदी वोटिंग हुई है। इस सीट पर 2017 में 69.63 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसे एंटी इनकंबेंसी समझा जा रहा है। हरभजन सिंह चीमा और उनके बेटे त्रिलोक चीमा की चिंता भी इस वोटिंग प्रतिशत को लेकर ही है। वहीं, हरभजन चीमा ने पार्टी के ही नेताओं पर गद्दारी का आरोप लगाकर मामले को संगीन बना दिया है। जब काशीपुर सीट से चीमा के बेटे को टिकट दिया गया था तो तभी अंदेशा था कि पार्टी में फूट पड़ेगी। अब मतदान के बाद चीमा ने कई नेताओं को गद्दार बताकर उस अंदेशे को पुष्ट कर दिया है।
चंपावत से बीजेपी प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी का दु:ख भी मतदान के तीसरे दिन झलक आया। रुआंसे गहतोड़ी ने पार्टी नेताओं पर ही भितरघात का आरोप मढ़ दिया। कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि भितरघातियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।