देहरादून: 2 दिन पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार से लक्सर जा रही उप जिलाधिकारी की गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने पर तत्काल मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए इस घटना में एसडीएम की हालत अभी गंभीर बनी हुई है और उनके ड्राइवर की मौत हो चुकी है।

निश्चित रूप से दुर्घटनाओं की जांच होनी ही चाहिए ताकि स्पष्ट हो सके कि मरने वालों की मौत के पीछे किसकी जिम्मेदारी थी इस घटना से ठीक 2 दिन पौडी में बारात की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें सवार 14 में से छह लोगों की मौत हो गई।

इस घटना में भी ड्राइवर की मृत्यु हो गई गंभीर बात यह रही कि इन 6 लोगों की मौत पर किसी प्रकार की कोई मजिस्ट्रियल जांच के सरकार ने आदेश नहीं दिए जो सरकार एसडीएम के वाहन की दुर्घटना होने पर 1 हफ्ते के भीतर जांच रिपोर्ट मांग रही हो यही सरकार जब छह लोगों की मौत पर मौन साध ले निश्चित रूप से सवाल खड़े होना लाजमी है।

छह लोगों की मौत पर उत्तराखंड सरकार की तमाम मंत्री विधायक मौन रहे जबकि एसडीएम की वाहन की दुर्घटना पर ऐसा कोई मंत्री विधायक नहीं था जिसने हाथों हाथ फेसबुक व्हाट्सएप पर तत्काल संवेदना ना देखी हो यह घटनाक्रम बताता है कि दुर्घटना में मारे गए 6 लोग भी तो इंसान ही थे यह अलग बात है कि वह किसी बड़े पद पर नहीं थे।

क्या पौड़ी में दुर्घटना में मारे गए 6 लोगों की मौत की मजिस्ट्रियल जांच इसलिए नहीं हुई कि वह सामान्य नागरिक से या फिर एसडीएम के वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की इसलिए मजिस्ट्रियल जांच हो रही है कि वह एसडीएम की गाड़ी थी उम्मीद की जानी चाहिए क्योंकि इस देश में एक विधान एक संविधान की बात है तो निश्चित रूप से सभी के लिए समान रूप से व्यवस्था होनी चाहिए घायल एसडीएम जल्दी स्वस्थ हो जाए ऐसी मनोकामना है और यह सरकार लोकतांत्रिक तरीके से सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास की मूल धारणा पर काम करें यह अपेक्षा है।

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