पौड़ी: सोशल मीडिया पर इन दिनों आठवें अजूबे के रूप में चर्चित पौड़ी के बस स्टेशन के गार्डर पुल की अब जांच होगी। लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता इस पुल की जांच करेंगे। सोशल मीडिया पर चर्चाओं के बाद स्थानीय लोगों द्वारा गार्डर पुल की जांच की मांग उठाई जा रही थी।

पौड़ी में करीब 12 साल से निर्माणाधीन बहुचर्चित बस अड्डे को माल रोड से जोड़ने को लेकर 48 टन के लोहे के गार्डर को बीच में पुल के रूप में स्थापित किया गया है। उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता डीके यादव ने पौड़ी बस अड्डे पर बनाये जा रहे गार्डर पुल की जांच रिपार्ट मुख्य अभियंता गढ़वाल को सौंपने के आदेश जारी किये हैं।

जिसके बाद लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता गढ़वाल मंडल राजेश चंद्र शर्मा ने बस अड्डे पहुंचकर अधिशासी अभियंता समेत अन्य अफसरों के साथ गार्डर पुल का बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इसकी डिजाइन का भलीभांति अध्ययन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि बस अड्डे पर लगे गार्डर पुल को आईआईटी मुंबई द्वारा पूरी कसौटी के साथ तैयार किया गया है। शर्मा ने कहा कि पुल समेत पूरे बस स्टेशन को तैयार करने के लिए करीब 3 करोड़ 68 लाख रुपए का बजट स्वीकृत है।

जल्द ही गार्डर पुल को तैयार कर इसमें वाहनों की आवाजाही सुचारू की जाएगी, जो कि बस स्टेशन की ऊपरी मंजिल को माल रोड से जोड़ने का काम करेगा। राजेश चंद्र शर्मा ने बताया कि पुल के पूरे तैयार होने के बाद इसका वजन करीब 48 टन हो जाएगा. जबकि एक सिरे से दूसरे किनारे तक इसकी दूरी करीब साढ़े 18 मीटर है।

जिस तरह से सोशल मीडिया पर गार्डर पुल को लेकर लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं की किरकिरी हुई, उन अफवाहों को विभाग ने सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से बस अड्डे के निर्माण पर विभाग द्वारा किसी तरह से भी समझौता नहीं किया गया है। इसकी गुणवत्ता का ध्यान विशेषज्ञों की निगरानी किया जा रहा है।

राजनीति का केंद्र रही पौड़ी के बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित बस अड्डे के गार्डर पुल को लेकर पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम ने इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने साफ कहा कि कुछ अनुभवहीन लोगों द्वारा इसे हल्के में लिया गया, जो कि उनकी कम समझ को दर्शाता है। बेनाम ने कहा कि बस अड्डे के निर्माण को लेकर तेजी से कार्य किया जा रहा है। जबकि दूसरी ओर कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर बिना सोचे समझे बस अड्डे की फोटो वायरल की जा रही है। इससे शहर की छवि भी धूमिल होती जा रही है। तकनीकी विशेषज्ञों ने गार्डर पुल को सही बताया है।

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