देहरादून: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने 30 जुलाई 2022 को कार्यभार गृहण किया। 14 महीने के कार्यकाल में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष 14 से ज्यादा बार दायित्व बंटवारे को लेकर बयान दे चुके हैं। जबकि टकटकी लगाए बैठे बीजेपी कार्यकर्ताओं की मुराद अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। एक बार तो स्थिति यहां तक पहुंची की बीजेपी की दायित्व वाली लिस्ट आउट होगी, हालांकि इसको भाजपा ने फर्जी लिस्ट करार दिया। उस दरम्यान सूत्रों ने बताया कि बीजेपी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दायित्व की सूची में नहीं रखा, लेकिन जिन्होंने पार्टी के भीतर 2022 के चुनाव में अपने प्रत्याशी को हराने के लिए एड़ी चोटी तक का जोर लगा दिया था, उनको भी इस लिस्ट में शामिल किया गया। यानी जिन कार्यकर्ताओं ने भीतरघात किया था उनको भी दायित्व की लिस्ट में शामिल किया गया। जिससे निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी हुई और इसके चलते यह लिस्ट मीडिया में आउट हो गई। लिस्ट वायरल होने से भाजपा के भीतर उस दौरान अंदरखाने खूब घमासान देखने को मिला।

दायित्व बंटवारे को लेकर कब-कब दिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बयान

30 जुलाई 2022 को बीजेपी ने बड़ा बदलाव करते हुए मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से हटकर महेंद्र भट्ट को प्रदेश की कमान सौंपी। जैसे ही महेंद्र भट्ट ने प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभाली उसके बाद से ही दायित्व बंटवारे के बयानों का सिलसिला जारी हुआ, जो अब तक बरकरार है। महेंद्र भट्ट ने पिछली दीपावली पर बयान दिया था कि जल्द ही कार्यकर्ताओं को दायित्व की सौगात दी जाएगी। उसके बाद फिर होली से पहले दायित्व देने को लेकर बयान दिया था। फिर पत्रकारों द्वारा पूछा गया कि अभी तक दायित्व नहीं बांटे गए हैं, जबकि आपके कई बयान तैर रहे हैं कि होली से पहले दायित्व का बंटवारा हो जाएगा, उसे वक्त महेंद्र भट्ट ने कहा था कि बीजेपी शुभ मुहूर्त देखकर अच्छे काम करती है अभी होलस्टक लगे हैं और होली के तुरंत बाद दायित्वों का बंटवारा हो जाएगा। जबकि राज्य से लेकर केंद्र तक कसरत पूरी हो चुकी है। उसके बाद फिर महेंद्र भट्ट ने बयानों का सिलसिला जारी रखा। अब एक बार फिर महेंद्र भट्ट ने बयान दिया है कि श्राद्ध पक्ष से पहले लिस्ट जारी हो जाएगी।

2022 के विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को वोटिंग हुई, जबकि 10 मार्च को परिणाम जारी हुए, बीजेपी दो तिहाई बहुमत से सत्ता में आई, कांग्रेस को 19 सीटों के साथ विपक्ष में बैठना पड़ा। 23 मार्च को धामी 2.0 सरकार का शपथ गृहण समारोह आयोजित हुआ। जिसमें मुख्यमंत्री के साथ आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। जिन कार्यकर्ताओं की बदौलत भाजपा सत्ता में आई वहीं अब टकटकी लगाए बैठे हैं की उन्हें दायित्व कब मिलेंगे। जबकि कैबिनेट के रिक्त पदों को भी भरा जाना है।

धामी मंत्रिमंडल में चार पद रिक्त

कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद से मंत्रिमंडल में चार पद रिक्त चल रहे हैं, कई दौर की कसरत हो चुकी है लेकिन अभी तक मंत्री पद नहीं भरे गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब-जब दिल्ली जाते हैं दायित्व और मंत्रिमंडल में फेर बदल की खबरें सुर्खियां बटोरती हैं।

कहां अटकी दायित्वों की लिस्ट! कौन डाल रहा है अड़चन?

अब सवाल यह उठ रहा है कि जब प्रदेश अध्यक्ष 14 महीने के कार्यकाल में 14 बार से ज्यादा बयान दायित्व बंटवारे को लेकर दे चुके हैं, आखिर अड़चन कहां आ रही हैं। जबकि महेंद्र भट्ट इस बात की पुष्टि भी कर चुके हैं कि केंद्रीय नेतृत्व में भी हरि झंडी दे दी है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या भाजपा गुटों को साध नहीं पा रही है जिससे दायित्व बंटवारे में कठिनाई आ रही है। या फिर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के बयानों में ज्यादा गंभीरता नहीं होती हैं।

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