देहरादून: ऋषिकेश के चन्द्रभागा पुल के पास बीच सड़क पर गुंडई दिखाकर फायरिंग करते हुए जानलेवा हमला कर फरार हुए 04 आरोपियों को कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने 12 घंटे के अंदर अरेस्ट कर लिया। तीन धारा टिहरी गढ़वाल के पास से इन हुल्लड़बाजों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 01 देसी पिस्टल, 03 जिंदा कारतूस और लड़ाई झगड़े में प्रयोग 02 हॉकी स्टिक, 01 स्टम्प और कार बरामद की है।

ये सनसनीखेज घटना होने के बाद एसएसपी ने कोतवाली ऋषिकेश प्रभारी और चौकी प्रभारी को अल्टीमेटम दिया था। दरअसल 20 अक्टूबर को कोतवाली ऋषिकेश में पीड़ित दीपक जायसवाल निवासी ऋषिकेश ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह रात में मंडी से सब्जी खरीदकर अपने घर की ओर जा रहे थे। तभी चन्द्रभागा पुल के पास खड़ी एक कार की पिछली सीट पर बैठे एक व्यक्ति द्वारा शीशा खोलकर बाहर की ओर बिना देखे ही थूक दिया गया। थूक उनके ऊपर गिरा।

उस व्यक्ति को टोकने पर उसके द्वारा पीड़ित के साथ गाली-गलौज की गई। इसके साथ ही गाड़ी मे बैठे अन्य लोगों द्वारा हॉकी स्टिक, लोहे की रॉड और बंदूक से उनके ऊपर हमला कर दिया गया। दीपक का आरोप था कि उन्हें जान से मारने की नीयत से उनके ऊपर पिस्टल से फायर भी किया गया था। इसके बाद गुंडई कर रहे युवक पिस्टल लहराकर धमकी देते हुए मौके से भाग गए थे। पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

घटना के बाद एसएसपी ने कोतवाली ऋषिकेश पुलिस को सख्त अल्टीमेटम दिया था। जिस पर ऋषिकेश पुलिस ने ऋषिकेश क्षेत्र के अंतर्गत शहर में आने जाने वाले सभी रास्तों पर गाड़ी के नंबर को फ्लैश करते हुए चेकिंग अभियान शुरू किया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम ने घटनास्थल के पास घटना के संबंध में जानकारी करते हुए, आसपास मौजूद लोगों से पूछताछ कर, सीसीटीवी कैमरे की सहायता से जानकारियां ली गई थी।

जानकारी मिलने के बाद पुलिस को कार के श्रीनगर गढ़वाल मार्ग की ओर जाने की जानकारी मिली। इस पर एक टीम को श्रीनगर गढ़वाल मार्ग पर रवाना करते हुए वाहन सवार चारों युवकों समरजीत तेवतिया, निवासी हापुड़, हिमांशु निवासी हापुड़, दिलीप भुरान निवासी अलवर और रियांश ढाका निवासी बीकानेर को तीन धारा टिहरी गढ़वाल के पास से गिरफ्तार किया गया। इनके पास से उपद्रव में प्रयोग की गई 02 हॉकी स्टिक, 01 स्टम्प बरामद किया गया।

आरोपियों से फायरिंग में प्रयोग की गई पिस्टल के बारे में जानकारी ली तो समरजीत ने बताया है कि उसके पास देसी पिस्टल और कारतूस थे, जिससे फायरिंग की गई थी। घटना में फायरिंग करने के बाद डर के कारण पिस्टल और कारतूस चंद्रभागा पुल से 200 मीटर आगे एक कूड़ेदान के पास फेंक दिया था। जिसके बाद आरोपी की बताई जगह पर देसी पिस्टल व 03 जिंदा कारतूस को चन्द्रभागा पुल के पास से बरामद किया गया। आरोपी समरजीत के खिलाफ आर्म्स एक्ट के अंतर्गत अलग से मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया है कि सभी आरोपी गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर में पढ़ते हैं और 20 अक्टूबर को सभी अपने घर से श्रीनगर कॉलेज जा रहे थे। तभी ऋषिकेश में कार से बाहर थूकने को लेकर वहां के कुछ लोगों से झगड़ा हो गया. झगड़े के दौरान मारपीट भी हो गई थी। वहां काफी लोग इकट्ठे होने लगे थे। इस पर समरजीत ने देशी पिस्टल से वहां पर फायर कर दिया था। उसके बाद अपनी कार से वहां से भाग निकले।

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